सस्ती दवाएं किसी भी समाज के लिए एक अनिवार्य आवश्यकताः मांडविया

जन औषधि केंद्रों के लिए ऋण सहायता कार्यक्रम का शुभारंभ, सिडबी और पीएमबीआई के बीच समझौता

नई दिल्ली: केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने मंगलवार को यहां जन औषधि केंद्रों के लिए एक ऋण सहायता कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस दौरान भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सि़डबी) और फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेज ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके तहत जन औषधि केंद्रों के छोटे उद्यमियों के लिए सिडबी बेहद किफायती ब्याज दर पर 2 लाख रुपये तक का लोन प्रदान करेगा। इस मौके पर जन औषधि केंद्रों को ऋण सहायता के लिए वेबसाइट भी लॉन्च की गई।

इस अवसर पर डॉ. मांडविया ने कहा कि सस्ती और सुलभ दवाएं किसी भी समाज के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन औषधि केंद्रों को गरीबों के लिए ‘संजीवनी’ बताया है। उन्होंने कहा कि साल 2014 में जन औषधि केंद्रों की संख्या केवल 80 थी, आज देशभर में लगभग 11 हजार इकाइयां संचालित हो रही हैं। अनुमान है कि लगभग 10 से 12 लाख लोग हर दिन इन जन औषधि केंद्रों पर आते हैं, जिससे उन्हें कम दरों पर आवश्यक दवाएं मिलती हैं।

डॉ. मांडविया ने कहा कि खरीद प्रक्रिया को मजबूत बनाने, पेश किए गए उत्पादों की शृंखला का विस्तार करने और नियमित आपूर्ति शृंखला नेटवर्क बनाए रखने के लिए बहुत प्रयास किए गए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सरकार ने इन जन औषधि केंद्रों के संचालकों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिसमें दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित संचालकों को अतिरिक्त सहायता भी शामिल है, ताकि उन्हें ये केंद्र खोलने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि इससे छोटे उद्यमियों को वित्तीय स्वायत्तता मिली और साथ ही देशभर में जन औषधि केंद्रों का नेटवर्क और पहुंच मजबूत हुई।

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